Class 7 Hindi Chapter 10 Meera ke Pad भक्ति भावना से ओत-प्रोत हैं। इन पदों में मीरा बाई श्रीकृष्ण के प्रति अपने गहरे प्रेम और समर्पण को व्यक्त करती हैं।
पहले पद में मीरा बाई कहती हैं कि वह चाहती हैं कि श्रीकृष्ण उनके नेत्रों में सदा के लिए बस जाएँ। वे कृष्ण की सुंदर साँवली मूर्ति और मधुर मुरली की ध्वनि का गुणगान करती हैं। वे कहती हैं कि श्रीकृष्ण की छवि इतनी मधुर और मनमोहक है कि वह उनके मन में गहराई से रच-बस गई है।
दूसरे पद में वे सावन ऋतु का वर्णन करते हुए कहती हैं कि यह ऋतु उन्हें प्रिय है क्योंकि इस समय भगवान श्रीकृष्ण के आगमन की आशा बढ़ जाती है। वर्षा की बूँदें, ठंडी पवन और हरियाली – सब कुछ श्रीकृष्ण के स्वागत जैसा लगता है। मीरा का मन आनंद और भक्ति से भर जाता है।
Meera ke Pad Worksheet
यह पाठ महान कृष्ण भक्त संत कवियत्री मीरा बाई के दो पदों पर आधारित है। पहले पद में मीरा श्रीकृष्ण से अपने नयनों में वास करने की विनती करती हैं। वे उनके रूप, वेशभूषा और मधुर बाँसुरी का अत्यंत सुंदर वर्णन करती हैं। दूसरे पद में सावन ऋतु की सुंदरता को दर्शाया गया है, जहाँ मीरा को लगता है कि श्रीकृष्ण के आगमन की आहट हो रही है। इन पदों के माध्यम से हमें मीरा की भक्ति, प्रेम और आत्मीय भावनाओं की गहराई का अनुभव होता है।
कवयित्री का परिचय:
- मीरा बाई 16वीं शताब्दी की भक्त कवयित्री थीं।
- वे मेवाड़ की राजकुमारी थीं लेकिन सांसारिक जीवन छोड़कर श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन हो गईं।
- उन्होंने अपने पदों में भक्ति, प्रेम, और आत्म समर्पण को भावपूर्ण तरीके से व्यक्त किया है।
पदों का सारांश:
(1) “बसो मरे नैनन में नंदलाल”:
मीरा अपने नेत्रों में नंदलाल (श्रीकृष्ण) को बसाने की प्रार्थना करती हैं।
वे उनके साँवरे रूप, मधुर बाँसुरी और वंशी, वैजयंती माला, पायल और घुंघरुओं की सुंदरता का वर्णन करती हैं।
श्रीकृष्ण को ‘संतों को सुख देने वाले’ और ‘भक्तों के रक्षक’ बताया गया है।
(2) “बरसे बदरिया सावन की”:
सावन ऋतु का सुंदर चित्रण – बादलों की गड़गड़ाहट, बिजली की चमक, ठंडी हवाएँ, और बारिश की बूँदें।
मीरा को ऐसा प्रतीत होता है कि श्रीकृष्ण के आने की भनक मिल रही है।
वे इस ऋतु में अत्यंत आनंद और उल्लास महसूस करती हैं।
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Class 7 Hindi Chapter 10 Question Answer
(क)” बसो मेरे नैनन में नंदलाल” में मीरा ने श्रीकृष्ण का कैसा वर्णन किया है?
उत्तर. मीरा ने श्रीकृष्ण को साँवरे रूपवाले, मधुर वाणी वाले, मुरलीधारी और वैजयंती माला धारण करने वाले के रूप में वर्णित किया है।
(ख)” बरसे बदरिया सावन की” में सावन के मौसम का वर्णन कैसे किया गया है?
उत्तर. सावन को सुगंधित, आनंददायक और श्रीकृष्ण के आगमन की प्रतीति कराने वाला बताया गया है।
(ग) मीरा ने अपने भजनों में अपने नाम का उल्लेख क्यों किया?
उत्तर. मीरा ने भक्ति की गहनता और आत्मसमर्पण दर्शाने के लिए अपने नाम का उल्लेख किया।
(घ)” नन्हीं नन्हीं बूँदन मेहा बरसे” पंक्ति का क्या अर्थ है?
उत्तर. इसका अर्थ है – वर्षा की छोटी-छोटी बूंदें गिर रही हैं, जो सुखद और शीतल अनुभव करवा रही हैं।
(ङ) मीरा के भजनों की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर. मीरा के भजनों में भक्ति, प्रेम, आत्मसमर्पण, प्रकृति और कृष्ण के प्रति गहरा अनुराग झलकता है।