NCERT Solutions for Class 5 Hindi Chapter 1 Rakh ki Rassi

NCERT Solutions for Class 5 Hindi Chapter 1 Rakh ki Rassi

हमारी NCERT Solutions for Class 5 Hindi Chapter 1 विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार की जाती है ताकि बच्चों को आसानी से अध्याय का अभ्यास करने में मदद मिल सके।

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NCERT Solutions for Class 5 Hindi Chapter 1

भोला-भाला

प्रश्न 1. तिब्बत के मंत्री अपने बेटे के भोलेपन से चिंतित रहते थे।
(क) तुम्हारे विचार से वे किन-किन बातों के बारे में सोचकर परेशान होते थे?
उत्तर:
तिब्बत के मंत्री का बेटा बहुत सीधा-सादा व भोला था। उसे होशियारी छूकर भी नहीं गई थी। इसलिए वह परेशान रहते कि मेरे बाद इसका क्या होगा।
(ख) तुम तिब्बत के मंत्री की जगह होती तो क्या उपाय करती?
उत्तर: यदि मैं तिब्बत के मंत्री की जगह होती तो बेटे को बहुत प्यार व समझदारी से समझती और समझदारी से काम करने के लिए प्रेरित करती।


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शहर की तरफ

प्रश्न 1. ” मंत्री ने अपने बेटे को शहर की तरफ रवाना किया।”
(
) मंत्री ने अपने बेटे को शहर क्यों भेजा था?
उत्तर: मंत्री ने अपने बेटे को शहर इसलिए भेजा ताकि वह दुनियादारी समझे ओर व्यवहारिक बने।
() उसने अपने बेटे को भेड़ों के साथ शहर में ही क्यों भेजा?
उत्तर: मंत्री ने अपने बेटे को शहर इसलिए भेजा ताकि वहाँ की समझदारी, चालाकी, काम करने का तरीका उसके बेटे को समझ में आ सके।
() तुम्हारे घर के बड़े लोग पहले कहाँ रहते थे? घर में पता करो। आसपड़ोस में भी किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में पता करो जो किसी दूसरी जगह जाकर बस गया हो। उनसे बातचीत करो और जानने की कोशिश करो कि क्या वे अपने निर्णय से खुश हैं। क्यों? एक पुरुष, एक महिला और एक बच्चे से बात करो। यह भी पूछो कि उन्होंने वह जगह क्यों छोड़ दी?’

उत्तर: हमारे घर के बड़े लोग पहले गांव में रहते थे| मेरे पड़ोस में गांव से आकर रहने वाला एक बच्चा अपने निर्णय से खुश है, क्योंकि यहां सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है| उस व्यक्ति ने वे स्थान कुछ परेशानियों के कारण छोड़ दिया| मेरे पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने पति की नौकरी छोड़ने के कारण पुरानी जगह छोड़ वही मेरे पड़ोस में रहने वाले एक अन्य बच्चे ने पुरानी जगह अपने मां बाप के साथ दूसरी जगह जाने के कारण छोड़ दी|
प्रश्न 2. ‘ जौ एक तरह का अनाज है जिसे कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है। इसकी रोटी बनाई जाती है, सत्तू बनाया जाता है और सूखा भूनकर भी खाया जाता है। अपने घर में और स्कूल में बातचीत करके कुछ और अनाजों के नाम पता करो।उत्तर:

गेहूँजौ
मक्काधान
बाजराज्वार

प्रश्न 3. गेहूँ और जौ अनाज होते हैं और ये तीनों शब्द संज्ञा हैंगेहूँ और जौ अलगअलग किस्म के अनाजों के नाम हैं इसलिए ये दोनों व्यक्तिवाचक संज्ञा हैं औरअनाज जातिवाचक संज्ञा है। इसी प्रकार रिमझिम व्यक्तिवाचक संज्ञा है और पाठ्यपुस्तक जातिवाचक संज्ञा है।
(
) नीचे दी गई संज्ञाओं का वर्गीकरण इन दो प्रकार की संज्ञाओं में करो—

लेह, धातु, शेरवानी, भोजन

ताँबा, खिचड़ी, शहर, वेशभूषा

उत्तर: व्यक्तिवाचक संज्ञा : • लेह • शेरवानी • ताँबा • खिचड़ी
जातिवाचक संज्ञा : • धातु • भोजन • शहर • वेशभूषा

() ऊपर लिखी हर जातिवाचक संज्ञा के लिए तीनतीन व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ खुद सोचकर लिखो।

उत्तर: शहर – कोलकाता, पटना, चेन्नई।
वेशभूषा – कमीज, टाई, सलवार।
धातु – लोहा, सोना, चाँदी।
भोजन – चावल, दाल, रोटी।

तुम सेर, मैं सवा सेर

प्रश्न 1. इस लड़की का तो सभी लोहा मान गए। था न सचमुच नहले पर दहला! तुम्हें भी यही करना होगा। तुम ऐसा कोई काम ढूंढो जिसे करने के लिए सूझबूझ की ज़रूरत हो। उसे एक कागज़ में लिखो और तुम सभी अपनीअपनी चिट को एक डिब्बे में डाल दो। डिब्बे को बीच में रखकर उसके चारों ओर गोलाई में बैठ जाओ। अब एकएक करके आओ, उस डिब्बे से एक चिट निकालकर पढ़ो और उसके लिए कोई उपाय सुझाओ। जिस बच्चे ने सबसे ज़्यादा उपाय सुझाए वह तुम्हारी कक्षा का ‘ बीरबल होगा।उत्तर: अध्यापक ने कहा कि तुम पानी का पत्थर लेकर आओ | कुछ सोचने के बाद मैंने उनसे कहा कि फिर आपको उस पत्थर को आधे घंटे हाथ में रखना पड़ेगा अध्यापक ने मुझे हां कह दिया फिर एक बर्फ का टुकड़ा ले आया और उन्हें दे दिया वह हैरान रह गए और मन ही मन सोचने लगे कि वह आधे घंटे हाथ में कैसे रखेंगे | छात्र ने अपनी सूझबूझ से कोई काम ढूंढकर खेल पूरा करें|

प्रश्न 2. मंत्री ने बेटे से कहा, “पिछली बार भेड़ों के बाल उतार कर बेचना मुझे जरा भी पसंद नहीं आया।” क्या मंत्री को सचमुच यह बात पसंद नहीं आई थी? अपने उत्तर का कारण भी बताओ।उत्तर: मंत्री को यह बात जरूर पसंद आई होगी। लेकिन इसमें उसके बेटे का कोई योगदान नहीं था। इसीलिए उसने खुशी जाहिर नहीं की और दोबारा उन्हीं भेड़ों के साथ उसे शहर भेज दिया ताकि उसे अपनी होशियारी दिखाने का एक और अवसर मिले।

सींग और जौ

पहली बार में मंत्री के बेटे ने भेड़ों के बाल बेच दिए और दूसरी बार में भेड़ों के सींग बेच डाले। जिन लोगों ने ये चीज़ें खरीदी होंगी, उन्होंने भेड़ों के बालों और सींगों का क्या किया होगा? अपनी कल्पना से बताओ।उत्तर: भेड़ों के बालों से उन्होंने ऊन बनाई होगी और ऊन से गरम कपड़े जैसे, शॉल। भेड़ों के सींगों से उन्होंने सजावट की चीजें बनाई होंगी।

बात को कहने के तरीके

प्रश्न 1. नीचे कहानी से कुछ वाक्य दिए गए हैं। इन बातों को तुम किस तरह से कह सकती हो
(
) चैन से जिंदगी चल रही थी।उत्तर: शांतिपूर्ण ढंग से जीवन कट रहा था।
() होशियारी उसे छूकर भी नहीं गई थी।उत्तर: वह बिल्कुल होशियार नहीं था।
() मैं इसका हल निकाल देती हूँ।उत्तर: मैं इसका उपाय बताती हूँ।
() उनकी अपनी चालाकी धरी रह गई। उत्तर: उनकी अपनी चालाकी काम नहीं आई।

प्रश्न 2. ‘लोनपोगार का बेटा होशियार नहीं था।
(क) ‘ होशियार ’ और ‘ चालाक’ में क्या फ़र्क होता है? किस आधार पर किसी को तुम चालाक या होशियार कह सकती हो? इसी प्रकार ‘ भोला ’ और ‘ बुद्धू’ के बारे में भी सोचो और कक्षा में चर्चा करो

उत्तर: ‘होशियार’ शब्द का प्रयोग सकारात्मक अर्थ में (अच्छे अर्थ में) होता है। इसका मतलब है समझदार। लेकिन ‘ चालाक ’ शब्द का प्रयोग नकारात्मक अर्थ में (खराब या बुरे अर्थ में) होता है। इसका मतलब है। चतुर।
‘ भोला ‘ शब्द का अर्थ होता है सीधा-सादा। अगर कोई व्यक्ति भोला है इसका मतलब यह नहीं कि वह मूर्ख है। वह जानकार और पढ़ा-लिखा है किन्तु हृदय से सीधा है। ‘बुद्धू’ शब्द का अर्थ है मूर्ख या बेवकूफ।
(ख) लड़की को तुम ‘ समझदार ’ कहोगी या बुद्धिमान? क्यों?
उत्तर: लड़की बुद्धिमान थी। उसने अपनी बुद्धि से एक मंत्री को इतना प्रभावित किया कि उसने अपने बेटे से उसकी शादी कर दी।

नाम दो

कहानी में लोनपो गार के बेटे और लड़की को कोई नाम नहीं दिया गया है। नीचे तिब्बत में बच्चों के नामकरण के बारे में बताया गया है। यह परिचय पढ़ो और मनपसंद नाम छाँटकर बेटे और लड़की को कोई नाम दो।
नायिमा, डावा, मिगमार, लाखपा, नुखू, फू दोरजे ये क्या हैं? कोई खाने की चीज या घूमने की जगहों के नाम। जी नहीं, ये हैं तिब्बती बच्चों के कुछ नाम। ये सारे नाम तिब्बत में शुभ माने जाते हैं। ‘नायिमा’ नाम दिया जाता है रविवार को जन्म लेने वाले बच्चों को मानते हैं कि इससे बच्चे को उस दिन के देवता सूरज जैसी शक्ति मिलेगी और जब-जब उसका नाम पुकारा जाएगा, यह शक्ति बढ़ती जाएगी। सोमवार को जन्म लेने वाले बच्चों का नाम ‘डावा’ रखा जाता है। यह लड़का-लड़की दोनों को नाम हो सकता है। तिब्बती भाषा में डावा के दो मतलब होते हैं, सोमवार और चाँद । यानी डावा चाँद जैसी रोशनी फैलाएगी और अँधेरा दूर करेगी। तिब्बत में बुद्ध के स्त्री-पुरुष रूपों पर भी नामकरण करते हैं खासकर दोलमा नाम बहुत मिलता है। यह बुद्ध के स्त्री रूप तारा का ही तिब्बती नाम है।
उत्तर: बेटे का नाम – मिगमार
लड़की का नाम – डावा

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